देश के अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव में मोदी सरकार के मंत्री रह चुके वेंकैया नायडू की जीत पूरी तरह निश्चित मानी जा रही है। शनिवार को देश का नया उपराष्ट्रपति चुना जाना है और उसी दिन शाम को नतीजे भी सामने आ जाएंगे।
वेंकैया नायडू को एनडीए ने अपना उम्मीदवार बनाया है और उनके मुकाबले में हैं विपक्ष के उम्मीदवार महात्मा गांधी के पोतेे गोपाल कृष्ण गांधी। गोपाल कृष्ण गांधी का नाम पहले राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में भी चला था लेकिन तब मीरा कुमार को उम्मीदवार बना दिया गया। निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी लगातार दो बार उपराष्ट्रपति रहे हैं। उन्हें यूपीए ने चुना था और 2012 में दोबारा हुए चुनाव में उन्हें ही उम्मीदवार बना दिया गया। उनका कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है।
राष्ट्रपति के चुनाव में तो संसद के साथ-साथ सभी राज्यों के एमएलए भी वोट डालते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति के चुनाव में ऐसा नहीं है। इस चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही हिस्सा लेते हैं। सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक गुप्त मतदान के जरिए वोट डाले जाएंगे। 5 बजे वोटिंग खत्म होते ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और थोड़ी देर में ही नतीजे भी सामने आ जाएंगे।
एनडीए की सारी पार्टियां वेंकैया नायडू का ही समर्थन कर रही हैं। हालांकि हाल ही में नीतिश कुमार ने बिहार में बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली है और यह माना जाता था कि जेडीयू भी वेंकैया नायडू को सपोर्ट करेगा लेकिन ऐसा नहीं है। नीतिश कुमार ने कहा है कि हम विपक्ष के उम्मीदवार को ही वोट देंगे। राष्ट्रपति के चुनाव में जेडीयू ने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट दिए थे। इसके अलावा उड़ीसा में बीजू जनता दल भी गांधी को ही वोट दे रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के चार लोकसभा सदस्य भी विपक्ष के उम्मीदवार को वोट डालेंगे।
दूसरी तरफ एनडीए के सदस्यों के अलावा टीआरएस, टीडीपी और अन्ना डीएमके के दोनों धड़े नायडू को सपोर्ट कर रहे हैं। लोकसभा में 545 में से 338 मेंबर तो एनडीए के ही हैं। राज्यसभा में अब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।