इमरान खान बोले- भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता हूं
पाकिस्तान में चुनाव प्रचार के दौरान भले ही इमरान खान ने भारत को लेकर तीखे तेवर दिखाए हों पर
जीत मिलते ही अब उनके सुर बदल गए हैं।
गुरुवार को पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने कहा
कि क्षेत्र की खुशहाली के लिए जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती हो।
इमरान ने कहा कि अगर हम क्षेत्र में गरीबी कम करना चाहते हैं तो हमें एक दूसरे से कारोबार बढ़ाना होगा।
पाकिस्तान की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वह कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के
सपनों का पाकिस्तान बनाना चाहते हैं।
आपको बता दें कि इमरान खान भारत और पीएम मोदी का विरोध करके ही सत्ता हासिल करने जा रहे हैं। इमरान चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी को नवाज शरीफ का दोस्त बताकर उनपर हमले बोलते थे। उनकी पार्टी की रैलियों में ‘मोदी का जो यार है, गद्दार है’ के नारे लगते थे। इतना ही नहीं, भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इमरान ने काफी तीखे तेवर दिखाते हुए कहा था कि ‘मैं नवाज शरीफ को बताऊंगा कि मोदी को कैसे जवाब देना है।’ हालांकि अब इमरान ने भारत के साथ दोस्ती की बात कही है।
गुरुवार को इमरान ने दूसरे पाक नेताओं की तरह कश्मीर राग भी अलापा।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर एक सबसे बड़ा मुद्दा है।
इमरान ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में कश्मीरियों ने काफी कुछ सहा है इसलिए हमें (भारत और पाक को) टेबल पर बैठकर मसलों को सुलझाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि हम समझते हैं कि बलूचिस्तान में जो कुछ हो रहा है उसके पीछ भारत का हाथ है।
अब इस आरोप-प्रत्यारोप को छोड़कर आगे बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत अगर एक कदम आगे बढ़ता है तो हम दो कदम बढ़ने के लिए तैयार हैं।
इस दौरान इमरान ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘भारत की मीडिया में मुझे ऐसे पेश किया जा रहा है
जैसे मैं बॉलिवुड फिल्मों का कोई विलेन हूं।
मैं वो पाकिस्तानी हूं जो क्रिकेट की वजह से भारत के ज्यादातर लोगों को जानता है।’
उन्होंने कहा कि अब मुझे मौका मिला है कि मैं वो काम करूं जो मैं 22 साल पहले करने निकला था।
उन्होंने बताया, ‘मैं पॉलिटिक्स में इसलिए आया था क्योंकि यह मुल्क ऊपर जाते समय नीचे आने लगा था।
मैं चाहता था कि पाक ऐसा मुल्क बने जैसा हमारे लीडर मोहम्मद अली जिन्ना ने सोचा था।’
उन्होंने इस चुनाव को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इसके लिए कई लोगों ने जानें दी हैं।
इमरान ने कहा कि दहशतगर्दी के बावजूद बलूचिस्तान के लोगों ने जिस तरह से वोट दिया,
मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। विदेशों में बसे पाकिस्तानी भी आगे आए और उन्होंने हमारी जम्हूरियत को मजबूत किया।
इमरान ने बताया- कैसा पाकिस्तान चाहते हैं ।
इमरान ने कहा कि 45 फीसदी पाक बच्चे बीमारियों से ग्रसित हैं।
2.5 करोड़ पाक बच्चे स्कूलों से दूर हैं।
प्रसव के दौरान मौतें होती हैं, साफ पीने का पानी नहीं है,
ऐसे में हम इस निचले तबके को उठाने के लिए काम करेंगे।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि मुल्क की पहचान इससे होती है कि उसका कमजोर और गरीब तबका कैसे रहता है।
इसके लिए उन्होंने चीन का भी उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि पैसे वालों से पैसा लेकर गरीबों पर खर्च करने के सिद्धांत पर काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार होगी जो किसी के खिलाफ भी राजनीतिक कार्रवाई नहीं करेगी।
सरकारी संस्थाएं भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगी। कानून सबके लिए बराबर होगा।
उन्होंने कहा कि इसके बाद ही विदेशी निवेश आएगा, जिसका न आना पाक के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान पर भारी-भरकम कर्ज है।
हम गर्वनेंस सिस्टम ठीक करेंगे, ईज ऑफ डुइंग बिज़्नेस ठीक करेंगे और विदेश में बसे पाकिस्तानियों से निवेश मांगेगे क्योंकि आज तक सिस्टम सही नहीं था।
PM हाउस में नहीं रहेंगे इमरान
पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम सादगी से रहेंगे
और अपने ऊपर खर्च कम से कम करेंगे। विदेशी दौरों पर बेवजह खर्च नहीं करेंगे।
इमरान ने कहा कि लोगों के टैक्स के पैसे को बचाएंगे और उसका सही जगह इस्तेमाल होगा।
उन्होंने ऐलान किया कि पीएम हाउस में स्कूल चलाए जाएंगे। गवर्नर हाउस में होटल बनाए जाएंगे
जिससे लोगों के टैक्स के पैसे का बेहतर इस्तेमाल हो।
इसके साथ ही उन्होंने बिज़्नेस समुदाय के साथ मिलकर पॉलिसी बनाने की बात कही।
टैक्स कल्चर ठीक करेंगे और भ्रष्टाचार रोकेंगे।
विदेश नीति पर पहले दोस्त चीन का जिक्र
विदेश नीति पर बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाक को अमन और चैन की जरूरत है।
हम चाहते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध हो।
चीन के साथ संबंध और मजबूत हों और CPEC से हम ज्यादा से ज्यादा फायदा ले सकें।
उन्होंने कहा कि 30 साल में 70 फीसदी लोगों को चीन ने गरीबी से निकाला है, इसको लेकर स्टडी की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर रोक के लिए भी चीन से सीखेंगे।
दूसरे मुल्क के तौर पर इमरान ने अफगानिस्तान का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों ने दुनिया में सबसे ज्यादा तकलीफ उठाई है।
अफगानिस्तान में अमन होगा तो पाक में भी शांति होगी।
उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि ऐसे संबंध हों कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच खुली सीमा हो।
उन्होंने आगे कहा कि हम अमेरिका के साथ ऐसे संबंध चाहते हैं जिससे दोनों देशों को लाभ हो। अब तक संबंधों में संतुलन नहीं रहा है।
इमरान ने चौथे नंबर पर ईरान और पांचवें देश के तौर पर सऊदी अरब के साथ संबंधों को बढ़ाने का संकल्प लिया।