88 वस्तुओं व सेवाओं पर ,GST की दरें हुई कम

सरकार ने यह सब विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर जीत के दूसरे ही दिन कर दिया है

जब से सरकार ने वस्‍तुओं पर जीएसटी लगाया था, तभी से सभी ये चाहते थे कि सरकार को कुछ चीजों से जीएसटी को हटा देना चाहिए। कुछ देर से ही सही लेकिन सरकार ने अब जनता की इस मांग को मानते हुए कुछ चीजों से इसको कम कर दिया है तो कुछ से इसको हटा दिया गया है।

लिहाजा पहले जो चीजें जीएसटी की वजह से कुछ महंगी हो गई थी, अब वह कुछ सस्‍ती जरूर हो जाएंगी।

लिहाजा ये खबर आपके लिए बेहद अच्‍छी है।

हालांकि इससे सरकार के खजाने पर सालाना सात हजार करोड़ रुपये का भार आएगा।

सरकार ने यह सब विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर जीत के दूसरे ही दिन कर दिया है।

सरकार के इस कदम से मध्यमवर्गीय परिवारों, छोटे व मझोले व्यापारियों और उद्योग जगत को बड़ी राहत मिल गई है।

जानकारों का कहना है कि जिन उत्पादों पर जीएसटी की दर 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद की गई है,

उनकी खुदरा कीमतों में आठ से नौ फीसद तक की कमी हो सकती है।

कैसे हुआ ये सब

आपको बता दें कि शनिवार कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी।

बैठक में कुछ चीजों से जीएसटी हटाने का मुद्दा सबसे अहम था।

इस पर बाद में सरकार ने भी हामी भरी और करीब 88 वस्तुओं व सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटा दी गईं।

तीन माह में एक बार रिटर्न भरने की सुविधा


रिटर्न की प्रक्रिया सरल बनाते हुए सालाना पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को अब हर माह के बजाय तीन महीने में एक बार रिटर्न भरने की सुविधा दी गई है।

इससे 93 प्रतिशत व्यापारियों को फायदा होगा।

वहीं ‘रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म’ के विवादित प्रावधान का क्रियान्वयन भी 30 सितंबर 2019 तक टाल दिया गया है।

जीएसटी कम करने के बाद ये चीजें हुई सस्‍ती


सरकार ने अपने फैसले में कुछ चीजों पर जीएसटी की दर को 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद कर दिया गया है।

ये चीजें हैं:- टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन, सेनेटरी नैपकिन, एक हजार तक के जूते-चप्पल।

वॉटर कूलर, आइसक्रीम फ्रीजर, दूध के चिलिंग प्लांट, लेदर इंडस्ट्री से जुड़े रेफ्रिजरेटर उपकरण,

पेंट, वार्निश, पुट्टी, रेसिन सीमेंट, लिथियम बैटरी, सेंट स्प्रे, टायलेट स्प्रे, हेयर क्लिपर, शेवर, इमर्सन हीटर,

स्टोरेज वॉटर हीटर, हैंड ड्रायर, क्रेन, लॉरी, आग से बचाव के वाहन, कंक्रीट मिक्सर लॉरी, स्प्रेयिंग लॉरी।

घरेलू इलेक्टिक उत्पाद (मिक्सर ग्राइंडर, जूस निकालने वाली मशीन)।

आपको बता दें कि टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसी वस्तुओं पर,

जीएसटी दर घटाने की बात काउंसिल के एजेंडा में पहले से नहीं थी।

इस पर बैठक के दिन ही टेबल एजेंडा के रूप में विचार किया गया।

इनसे जीएसटी हटा


स्टोन, मार्बल और लकड़ी के देवी-देवताओं की मूर्तियां, राखियां,

सेनीटरी नेपकिन, फूल वाली झाडू़, खाली दोना, भारत सरकार द्वारा जारी होने वाले सिक्के।

बांस से बने फर्श, पीतल वाला केरोसिन स्टोव, हस्तशिल्प के सामान मसलन पर्स, हैंडबैग और

ज्वैलरी बाक्स, हाथ से चलने वाला रबर रोलर, जिपर, शीशे, स्टोन आर्ट, पीतल, लोहे, हैंडीक्राफ्ट लैंप,

मोम, स्टियरिन, प्राकृतिक गोंद वगैरह से बने उत्पादतेल में मिलाने के लिए बिकने वाले एथनॉल, सॉलिड बॉयो फ्यूल और हैंडीक्राफ्ट पर।

1000 रुपये तक के फुटवियर (इससे ऊपर के फुटवियर पर 18) फ्रिज, फ्रीजरवाशिंग मशीनवैक्यूम क्लीनर

68 सेंटीमीटर तक के टीवीट्रेलर और सेमी ट्रेलरइलेक्टिक आयरनमखमल के कपड़े, हैंडलूम दरी, फर्टिलाइजर में प्रयोग होने वाला

फास्फेरिक एसिड, बुनी हुई कैप और एक हजार रुपये से कम कीमत की टोपी, हाथ से बने कालीन, फीते और प्रिंटेड कपड़ेतांबे और

एल्यूमिनियम से बनीं कलाकृतियांपेंटिंग वाले लकड़ी के फ्रेम

फ्रिज, 68 सेमी से छोटे आकार वाले टीवी, वाशिंग मशीन समेत कई वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। वहीं राखी, झाडू, सेनिटरी नैपकिन, पत्थर, मार्बल व लकड़ी से बनी मूर्तियों पर जीएसटी की दर घटाकर शून्य कर दी ग्ई है।

किसानों को राहत देते हुए खाद में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फेरिक एसिड पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।

एथनॉल पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है।

इससे संकट में चल रहे चीनी उद्योग और गन्ना किसानों को राहत मिलेगी।

हालांकि चीनी पर सेस लगाने और डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट देने पर काउंसिल ने कोई फैसला नहीं किया।

इसके अलावा कई हस्तशिल्प उत्पादों पर भी जीएसटी में राहत दी गयी है।

इन राज्यों में बढ़ाई जीएसटी से छूट की सीमा 


जीएसटी काउंसिल ने असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम और उत्तराखंड में जीएसटी में पंजीकरण के लिए 10 लाख रुपये सालाना टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया।

जीएसटी काउंसिल ने सीजीएसटी एक्ट, आइजीएसटी एक्ट, यूजीएसटी एक्ट और जीएसटी क्षतिपूर्ति एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के मसौदे को भी मंजूरी दी है।