लगता है कि विवादों से सीबीएसई का पीछा नहीं छूट रहा। पेपर लीकेज का मामला अभी सुर्खियों में छाया ही हुआ है, कीअब पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई ने जो नया तरीका अपनाया है, वह भी बच्चों और अभिभावकों को रास नहीं आ रहा। सोमवार को 10वीं क्लास का संस्कृत, उर्दू और फ्रेंच का पेपर था और 12वीं का हिंदी का पेपर था। पेपर सुबह साढे 10 बजे शुरू होना था लेकिन सीबीएसई के नए तरीके के कारण कई जगह 11 बजे के बाद पेपर शुरू हो सका। इस पर बच्चों को एडिशनल टाइम दिया गया। आपको बता दें की पेपर लीक होने की घटना के बाद से सीबीएसई ने पेपर भेजने का नया तरीका निकाला। सारे स्कूलों को पेपर ई-मेल से भेजा गया और उन स्कूलों से कहा गया कि वे उसका प्रिंट निकालें और बच्चों में बांट दें। हालांकि हर रोज सुबह सवा 10 बजे ही बच्चों के हाथ में पेपर आ जाता था लेकिन सोमवार को ऐसा नहीं हो सका। कई स्कूलों के पास तैयारी ही नहीं थी। उन्होंने पेपर डाउनलोड किया और फिर उसका प्रिंट निकाला। कई स्कूलों में तो दो हजार से ज्यादा बच्चों का सेंटर है और पेपर के दो हजार प्रिंट निकालने में जितना समय लगा, बच्चों को उतना ही पेपर का इंतजार करना पड़ा। पूर्वी दिल्ली के कई स्कूलों में भी पेपर देर से शुरू हो सका। जब स्कूलों ने इस बारे में सीबीएसई से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि जितनी देरी से पेपर शुरू हुआ है, बच्चों को उतना टाइम फालतू दे दिया जाए।