बहुजन समाज पार्टी से स्वयं को निष्कासित बताने वाले वरिष्ठ नेता रहे इंद्रजीत सरोज ने कहा है कि जिस तरह से बसपा में धन की उगाही कर पार्टी प्रमुख मायावती उल्टी गंगा बहा रही हैं, उससे लगता है कि वह इस पार्टी को समाप्त करने का मन बना चुकी हैं। सरोज ने दावा किया, ‘‘16 जुलाई को लखनऊ में जोन की बैठक हुई थी जिसमें सभी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से रजिस्टर बनाकर पैसा मांग कर लाने को कहा गया था। इसका हमने यह कहते हुए विरोध किया था कि पार्टी के कार्यकर्ता इतनी रकम कहां से लाएंगे। कमजोर विधानसभा क्षेत्र से 9 लाख रुपये और मजबूत विधानसभा क्षेत्र से 15-22 लाख रुपये एकत्र करने को कहा गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दो दिन पहले जिले में राज्यसभा सदस्य मुनकाद अली और पूर्व एमएलसी रामकुमार कुरील ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली जिसमें मैंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि न मैं पैसा दूंगा और न ही चुनाव लड़ूंगा। संभवतः यह संदेश बहन मायावती तक पहुंचा दिया गया और मंगलवार शाम पांच बजे मायावती का फोन आया जिसमें उन्होंने मुझे सभी पदों से हटाने की बात कही और मौखिक रूप से मुझे पार्टी से निकाल दिया।’’
सरोज ने दावा किया कि अगले कुछ दिनों में कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ में बड़ी तादाद में पार्टी के कार्यकर्ता इस्तीफा देने जा रहे हैं। लोग मायावती के इस रवैये से बेहद आहत हैं। बसपा के टिकट से चार बार विधायक रहे और मायावती की सरकार में मंत्री रहे सरोज को पार्टी प्रमुख का बेहद करीबी माना जाता रहा है।
उधर, इंद्रजीत सरोज के निष्कासन के संबंध में बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने कहा कि इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकाला नहीं गया, बल्कि उन्होंने पहले ही किसी दूसरी पार्टी में जाने का मन बना लिया थ