साहित्य अर्पण द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन चर्चाओं में है । हो भी क्यों ना इस छोटी सी पहल ने सभी साहित्य प्रेमियों के दिल मे अपनी अलग पहचान बना ली है।
कहते है प्रतिभा की कमी नहीं होती है लेकिन आम लोग उस हीरे को पहचान नहीं पाते है जिसे बड़े बड़े रचनाकार कवि कवियत्रियों को आत्मग्लानि महसूस होती है जो अपने से लोगों को इंटरनेट के माध्यम से उन तक पहुँचाते है, फिर भी लोग उस को जान नहीं पाते है जो लोग सिर्फ अपने ही डायरी बुकलेट आदि मैं अपनी रचना को सहेज कर रखते है उसी प्रतिभा को प्लेटफार्म पर जगह दे रही है साहित्य अर्पण की यह छोटी सी टीम जिसमे नेहा शर्मा , चांदनी सेठी , पत्रकार अंकित शर्मा , प्रेम कुमार शायर एवं अनिल कुमार जी के द्वारा इस कार्य को दिशा दी जा रही है।
फेसबुक पर बनाए एक साहित्यिक समूह जिसका नाम है दुबई हिंदी साहित्यिक – एक पहल। बस उसी को लेकर एक नई शुरुवात करने जा रहे हैं ये युवा, जहां एक और लेखनी सिर्फ डायरी के पन्नों में सिमटकर दम तोड़ देती है। नया लेखक स्टेज तक पहुंचने में हिचकता हैं वहीं इन कुछ युवाओं ने मिलकर साहित्य जगत में कुछ ऐसे ही लेखकों को मंच पर लाने का प्रयास किया है। श्रीमती चाँदनी कोचर जो कि इस कार्य मे सम्मिलित है उनका कहना है कि वह अपनी टीम के सदस्यों के साथ मिलकर साहित्य की इस सेवा में अपना पूर्ण योगदान देंगी एवम फेसबुक पर चल रहे समूह दुबई हिंदी साहित्यिक – एक पहल के माध्यम से नए नए कवियों को मंच पर लाने का कार्य पूर्ण निष्ठा से करेंगी। वंही दुबई में रह रही लेखिका नेहा शर्मा जो कि इस समूह की एडमिन एवम आयोजनकर्ता हैं। उनका कहना है कि 31 अगस्त को होने वाले कवि सम्मेलन में वह सब मिलकर पूर्ण प्रयास करेंगे कि लेखकों की लेखनी सिर्फ डायरी के पन्नों तक सीमित न रहकर देश के हर कोने तक पहुंचे व हर नव लेखक को लिखने का हौंसला देती रहे। वहीं इस आयोजन में उनका साथ दे रहे है। पत्रकार अंकित शर्मा , प्रेम कुमार शायर और अनिल कुमार । साथ ही 31 अगस्त को होने वाले इस समारोह को कवर का ज़िम्मा जर्नलिस्ट अंकित शर्मा जी को दिया गया है सभी मिलकर इस कार्य को सफल बनाने के प्रयास में लगे हुए हैं। हम आशा करते है ये कार्यक्रम सफल हो ।