दिल्ली के मालवीयनगर के खिड़की एक्सटेंशन में लगी आग रात के 12 बजे तक नही बुझ पाई, रबर के केमिकल गोदाम में ये आग की सूचना फायर डिपार्टमेंट को 4 बजकर 57 में मिली थी। शुरुआती जांच में पता चला कि आग एक ट्रक में लगी है लिहाजा हल्की आग मानकर 12 फायर की गाड़ियां भेजी गई लेकिन ट्रक में लगी आग ने पास के रबर कैमिकल के गोदाम को भी अपनी चपेट में ले लिया आग लगातार फैलती गई। आसपास में रिहायशी इलाका होने की वजह से फायर की गाड़ियों की संख्या बढ़ाई गई और उनके आने का सिलसिला लगातार जारी है।
शाम के वक्त तेज हवा की वजह से आग ने और विकराल रूप ले लिया, रात साढ़े 12 बजे तक फायर की 40 गाड़ी आ चुकी है लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। मालवीयनगर में लगी इस भीषण आग से सबसे ज्यादा खतरा आस पास रहने वाले लोगो को है, क्योंकि जहाँ आग लगी थी उसके एक तरफ निरंकारी पब्लिक स्कूल था तो दूसरी तरफ रिहायशी इलाका। आग हवा की वजह से आस पास के मकानों को अपनी चपेट में ना ले ले लिहाजा उन मकानों को खाली करा लिया गया है। लेकिन मुसीबत की इस घड़ी में स्थानीय लोगों ने भी फायर डिपार्टमेंट की हर संभव मदद की। एक एकड़ से ज्यादा जगह में फैले इस रबर कैमिकल के गोदाम में गाये भी बंधी हुई थी जिन्हें वक़्त रहते लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाला। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर रिहाइशी इलाके में रबड़ और केमिकल का गोदाम बनाने की इजाजत किसने दी थी या ये गोदाम गैरकानूनी तौर पर बनाया हुआ था। पुलिस अब इस बात की भी जांच करेगी। बवाना में लगी आग में 17 से ज्यादा लोग ज़िंदा जल गए थे जिसके बाद प्रशासन ऐसे हादसे को रोकने के दावे करता था। गनीमत रही कि इस आग में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है लेकिन इस आग ने के बार फिर साबित कर दिया थी दिल्ली सरकार की कथनी और करनी में कितना फर्क है। लेकिन इलाले विधायक इस हादसे को लेकर अलग ही आरोप लगा रहे है।फिलहाल दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर सर्विस, ndra, सिविल डिफेंस समेत तमाम प्रशासन आग भुझाने के काम मे लगे हुए है लेकिन आग लगने के 8 घंटो के बाद आग बुझती नजर नही आ रही।