प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम को फेल होता देखा गया । जब माँ – बाप ने अपने ही 2 महीने की बेटी को पराए हाथों में सौंप कर हुए फरार । चश्मदीदों के अनुसार आज़ादपुर मोहल्ला क्लीनिक के पास लोग महिला औऱ पुरूष आए जिनके पास एक बच्ची भी थी और दूसरी छोटी बच्ची महिला की गोद मे थी । महिला – पुरुष की आपस मे किसी बात को लेकर लड़ाई सुरु हो गई । इतने में ही महिला ने गोद मे ली हुई बच्ची को पुरुष को दिया और वहाँ से चली गई । कुछ समय पश्चात पुरुष ने मुहल्ला क्लीनिक पर एक बुजुर्ग महिला को बच्ची देकर ए बोला कि आप देखो बस मैं आ रहा हूँ । 2 घंटे बीत जाने के पष्चात जब पुरूष नही आया तो महिला ने 100 no पर कॉल करके पुलिस को मामले की जानकारी दी । फिलहाल थाना आदर्श नगर पुलिस ने बच्ची को थाने में लेकर आये है । पर बच्ची के माता – पिता का कोई अता – पता नही है । फिलहाल अभी यह भी एक सवाल है क्या वो महिला और पुरुष क्या बच्ची के माता पिता हैं ?? इंसानियत को शर्मसार करने का यह मामला शाबित करता है कि आज भी हमारे समाज मे बेटियों को बोझ ही समझा जाता है ।