प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपना 67वां जन्मदिन मनाया। इस मौके पर उन्होंने सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन कर देश को एक बड़ी सौगात दी। इसके बाद पीएम मोदी ने गुजरात के साधु बेट में सरदार वल्लभ भाई के पटेल के बन रहे स्टेचू ऑफ यूनिटी का जायजा लिया। जायजा लेने के बाद पीएम दभोई पहुंचे और यहां एक जनसभा को संबोधित किया।
पीएम ने कहा कि बरसों पहले नर्मदा का पानी सीमा से सटे इलाकों तक ले जाने का लिया संकल्प अब पूरा हो जाएगा। पाइपलाइन की मदद से सीमा से सटे इलाकों में पानी पहुंचाया जाएगा। बांध के लिए मां नर्मदा को काफी परेशानियां झेलने पड़ीं। विश्व बैंक ने भी बांध की योजना से हाथ खींचने का ऐलान कर दिया था। ये बांध सूखे और बाढ़ की समस्या को हल करेंगे। हमने ठान लिया था कि बांध बनाकर रहेंगे। देशवासी अगर एक बार संकल्प ले, तो हर चुनौती को पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने सारी अड़चनों के बावजूद नर्मदा पर बांध बनाकर ही दम लिया।
उद्घाटन के वक्त पीएम ने उसकी पूजा-अर्चना की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी, गुजरात के सीएम विजय रूपानी सहित प्रमुख लोग मौजूद थे। यह दुनिया का दूसरा और देश का सबसे ऊंचा बांध है। इसके बन जाने के बाद देश के चार राज्यों को इसका फायदा मिलेगा। इनमें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल 1961 को इस बांध की आधारशिला रखी थी। हालांकि इसे बनने में 56 साल लग गए।
इससे पहले खराब मौसम के चलते पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर केवाड़िया में उतर नहीं पाया। इस कारण हेलीकॉप्टर को दाभोई में लैंड कराना पड़ा। पीएम मोदी यहां से सड़क के रास्ते से केवड़िया पहुंचे।