केरल में मानसून
भारतीय मौसम विभाग ने अपने एक बुलेटिन में कहा कि मानसून केरल में अगले 24 घंटे में (मंगलवार सुबह) पहुंचेगा। हालात अनुकूल रहे तो मध्य प्रदेश में यह 12 से 15 जून के बीच आ सकता है। स्काइमेट के उपाध्यक्ष महेश पलवत के मुताबिक, सभी मौसम स्टेशनों पर लांग-वैव रेडिएशन सतत दो दिनों तक 140 डब्ल्यूएम-2 दर्ज किया गया है। इसके अलावा हवाओं का रुख भी बता रहा है कि मानसून केरल आ गया है।
उत्तर भारत में जारी है भीषण गर्मी
इधर, उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में भीषण गर्मी का दौर जारी है। पंजाब के कपूरथला में लू की चपेट में आ जाने से एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक 42 वर्षीय सतनाम सिंह सुंदरनगर का रहने वाला था। काम से घर लौटने के बाद वह अचेत हो गया था। उसे तुरंत अस्पताल ले जा गया, जहां उसकी मौत हो गई। सिविल अस्पताल के डॉ. गुरमेज सिंह सहोता ने बताया कि सतनाम की मौत लू से हुई है।
बिहार में कहर बनकर बरसा प्री-मानसून, 12 की मौत
उधर, पटना में आंधी और ओले के साथ सोमवार देर शाम हुई भारी बारिश के बीच दीवार गिरने एवं वज्रपात से बिहार में 12 लोगों की मौत हो गई। हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग को अभी विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने इसे प्री-मानसून बारिश बताया है।
तेज हवा के साथ बारिश और वज्रपात के चलते सासाराम, कटिहार, औरंगाबाद, नवादा जिले में दो-दो एवं गया जिले में चार लोगों की मौत हो गई। गांवों में आंधी से सैकड़ों घरों के छप्पर उड़ गए। गया जिले के टिकारी में पॉल्ट्री फार्म की दीवार पलट जाने से एक हजार मुर्गियां दब गईं। राजगीर में मलमास मेला पर भी असर पड़ा है। बारिश में कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह तार टूटने और फॉल्ट आने से बिजली भी गुल हो गई है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के दक्षिण-पूर्व के कई जिलों में जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर रखा था।
मानसून घोषित करने का यह है पैमाना
– अगर उपलब्ध 14 स्टेशनों (मिनिकॉय, एमिनी, तिरुअनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अल्लपुझा, कोट्टयम, कुडुलु, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, थालासेरी, कन्नूर और मंगलोर) के 60 प्रतिशत में 10 मई के बाद अगर सतत दो दिन 2.5 मिमी या इससे अधिक बारिश हो जाती है तो उसके अगले दिन मानसून के आगमन की घोषणा कर दी जाती है।
– पश्चिमी हवाएं मुख्य समुद्र स्तर से ऊपर 15 हजार फीट तक होनी चाहिए।
– विदा हो रहा दीर्घ-तरंग (लांग-वेव)] रेडिएशन 200 डब्लूएम-2 (वॉट प्रति वर्गमीटर) से कम होना चाहिए।