उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी(सपा) के दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक सदस्य के इस्तीफे के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके चार मंत्रियों का राज्य विधान परिषद में पहुंचने का रास्ता साफ नजर आ रहा है।
सपा के बुक्कल नवाब और यशवंत सिंह तथा बसपा के ठाकुर जयवीर सिंह ने आज विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। श्री सिंह ने तो श्रम मंत्री और बसपा के कभी कद्दावर नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा तक कर दी। परिषद से इस्तीफा देने वाले दोनों सदस्यों ने भी भाजपा में शामिल होने के संकेत दिये। दूसरी ओर, राजनीतिक गलियारों में इन इस्तीफों से अटकलें लगनी तेज हो गयी हैं कि विधान परिषद के रिक्त हो रही सीटों से योगी मंत्रिमंडल के वे मंत्री उच्च सदन में पहुंच सकते हैं जो अभी तक किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पांच मंत्री किसी विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी के सदस्य नहीं हैं।
श्री योगी के साथ ही दोनो उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य, डा0 दिनेश शर्मा समेत अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा और परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इन पांचों को 19 सितम्बर तक किसी न किसी सदन की सदस्यता ग्रहण कर लेनी होगी।
श्री नवाब ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि उनका सपा में दम घुट रहा था। सपा पार्टी न रहकर अब अखाडा बन गयी है। उन्होंने बाप-बेटे (मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव) को मिलाने की काफी कोशिश की, लेकिन दोनों एक-दूसरे से सुलह करने को तैयार ही नहीं हैं।