भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मोदी सरकार जल्द ही कुछ कड़े फैसले ले सकती है. इसके लिए सरकार ने सतर्कता विभाग को डोजियर बनाने के निर्देश दिए है. डोजियर बनते ही भ्रष्ट और अपने काम पर फोकस ना करने वाले अफसरों पर बड़ी कार्रवाई के आसार हैं.सरकारी सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रत्येक मंत्रालय के सतर्कता विभाग को अपने-अपने विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों के दस्तावेज तैयार करने को कहा है.इस आदेश के बाद सभी मंत्रालय अपने-अपने विभागों के दस्तावेज बनाने में जुट गए हैं. गृह मंत्रालय अपने विभाग के अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर दस्तावेज तैयार कर रहा है. इसके अलावा मंत्रालयों के मुख्य सतर्कता अधिकारियों ने विभिन्न विभागों सहित पैरा मिलिट्री फोर्स को भी यह लिखा है कि वे अपनी-अपनी लिस्ट 5 अगस्त तक किसी भी हाल में पूरी कर लें, ताकि आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके.भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों से संबंधित डोजियर शिकायत, जांच रिपोर्ट और अधिकारियों के आचरण, नैतिक विषमता, कर्तव्य की उपेक्षा पर आधारित होगी. इसमें इस बात का भी जिक्र होगा कि क्या उस अधिकारी के खिलाफ कभी बड़ा या मामूली जुर्माना लगाया गया था या नहीं.विभागों की भ्रष्ट अधिकारियों की सूची बन जाने के बाद उसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाएगा. दस्तावेज पूरा होने के बाद, सीवीओ (मुख्य सतर्कता अधिकारी) और सतर्कता विभाग सूची में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों पर नजर रखेगा. उनके कार्यों और निर्णयों की जांच होगी कि क्या वे अपने आर्थिक लाभों के लिए सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ऐसे अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले पदों पर पोस्ट नहीं किया जाए.भ्रष्ट अधिकारियों की सूची सीबीआई और सीवीसी को भी भेजी जाएगी, जो लिस्ट में शामिल अधिकारियों के आचरण की निगरानी करेंगे. ये लोग इस तरह के अधिकारियों पर कड़ी नजर तो रखेंगे ही और साथ ही साथ उन पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे. या फिर जरूरत पड़ने पर जुर्माना, नौकरी में डिमोशन या बर्खास्तगी सहित विभागीय कार्रवाई की सिफारिश करेंगे.सूत्रों के मुताबिक एक बार दस्तावेज तैयार हो जाने के बाद इसके आधार पर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई 15 अगस्त के बाद शुरू होगी.