बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया। नीतीश के पक्ष में131 वोट और विरोध में 108 वोट पड़े। दोनों खेमे एक-दूसरे के एमएलए तोड़ने का दावा कर रहे थे लेकिन वोटों की गिनती से साबित हो गया कि कोई भी एक-दूसरे के खेमे में सेंध नहीं लगा पाया। सुबह 11 बजे पेश होने वाला यह प्रस्ताव आरजेडी के हंगामे के कारण 12 बजे के बाद पेश हो सका।…..प्रस्ताव पेश होने से पहले तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। सदन में विश्वास प्रस्ताव रखने के बाद नीतीश ने सदन को संबोधित करते हुए तेजस्वी को जवाब दिया। तेजस्वी ने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन नीतिश कुमार ने हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ और देश के साथ धोखा करके महागठबंधन को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि नीतिश जी का इस्तीफा और बीजेपी का तुरंत समर्थन ये सब बातें बताती हैं कि पूरी प्लानिंग की गई थी और बात नैतिकता की होती है। तेजस्वी ने पूछा-ये कौन सी नैतिकता है आपकी? कौन सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है।….तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप तो इधर भी हैं और उधर भी, आपने समझा ही नहीं। लालू यादव को अगर पुत्रमोह होता तो ऐसा नहीं होता, लालू जी को पुत्रमोह नहीं भाई मोह था। आप एक बार बोल देते तो मैं इस्तीफा दे देता।….इस पर नीतीश कुमार ने जवाब दिया कि सदन की मर्यादा का पालन करना चाहिए। हम एक-एक बात का सबको जवाब देंगे। सत्ता सेवा के लिए होती है, मेवा के लिए नहीं। नीतीश ने कहा कि मैंने महागठबंधन धर्म का हमेशा पालन किया, लेकिन जब मेरे लिए मुश्किल आई तो इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि पच्चीस सीट नहीं मिल रही थी कांग्रेस को, हमने चालीस दिलाई।…..विधानसभा के स्पेशल सैशन शुरू होते ही आरजेडी के एमएलए ने जबरदस्त हंगामा किया। इसी बीच तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता मनोनीत किया गया।…