बिहार में सियासी
खींचतान के बीच
राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. बुधवार शाम पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायकों, सांसदों और दूसरे नेताओं की बैठक बुलाई. बैठक के बाद नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने गए और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. दरअसल, बुधवार सुबह लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी ने साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है. जिसके बाद नीतीश ने खुद ही इस्तीफा दे दिया.इस खबर के बाद बिहार में महागठबंधन को लेकर लगाए जा रहे कयासों को और हवा मिल गई है. जेडीयू की बैठक से पहले ही आरेजडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनके बेटे और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश ने उनसे न ही इस्तीफा मांगा है और न ही
भ्रष्टाचार के आरोपों पर कोई सफाई मांगी है.केसी त्यागी ने नीतीश की नीति साफ जेडीयू के वरिष्ठ नेता और सांसद के.सी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति भ्रष्टाचार को लेकर बिल्कुल साफ है. अतीत में भी नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामलों में इस्तीफे लेने का काम किया है.28 जुलाई को होनी थी बैठक -गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने ये पार्टी विधायकों और नेताओं की ये बैठक 28 जुलाई को बुलाई थी. मगर, आरजेडी का रुख देखते हुए नीतीश ने बुधवार शाम को ही बैठक बुला ली. इससे पहले 11 जुलाई को भी नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर जेडीयू की बैठक बुलाई गई थी. उस बैठक में इस बात की मांग उठी थी कि तेजस्वी यादव, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.