पेट्रोल और डीजल की कीमतों की बढ़ोतरी की खबरें अब न तो टीवी में दिखती है, न ही अखबारों की सुर्खियां बनती हैं। ना इसके बारे में जोक्स सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे है। इसकी वजह आप भी जानते हैं। 16 जून से सरकार की तरफ से यह फैसला किया गया कि अब पैट्रोल-डीजल की कीमतें रोजाना बदलेंगी। उससे पहले हर 15 दिन बाद तेल कंपनियां पैट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा करती थी। जैसे ही यह घोषणा होती थी जनता में अपने वाहनों की टंकी फुल कराने की होड़ मच जाती थी। तब टीवी चैनलों के रिपोर्टर पेट्रोल पंप पर जाकर बढ़ी हुए दरों के प्रति वाहन के मालिकों का दुख दर्द अपने कैमरे में कैद कर बिग ब्रेकिंग बनाकर दिखाते थे। फिर सुबह अखबारों में ये खबर सुर्खियां बनती थी। अब ऐसा नहीं होता और कोई यह भी नहीं जानता कि आखिर पैट्रोल-डीजल की कीमतों का हाल क्या है।
सीसीएन ने पैट्रोल-डीजल की कीमतों का जायजा लिया तो चैंकाने वाली सच्चाई सामने आई। जी हां, पिछले छह हफ्तों के दौरान रोजाना ही पैट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं और इस दौरान पैट्रोल की कीमत एक या दो रुपए नहीं बल्कि करीब-करीब 5 रुपए प्रति लीटर बढ़ चुकी है। 3 जुलाई को दिल्ली में पैट्रोल की कीमत 63 रुपए 13 पैसे प्रति लीटर थी और 15 अगस्त को इसकी कीमत 68 रुपए 8 पैसे हो गई यानी फी लीटर 4 रुपए 95 पैसे की बढ़ोतरी। यही हाल डीजल का भी है। 3 जुलाई को डीजल की कीमत 53 रुपए 47 पैसे प्रति लीटर थी जो 15 अगस्त को बढ़कर 57 रुपए 30 पैसे हो गई। हिसाब लगाओ तो 3 रुपए 83 पैसे प्रति लीटर डीजल की कीमत भी बढ़ गई। 3 जुलाई का दिन हमने इसलिए चुना कि 16 जून के बाद यही वह दिन था जब पैट्रोल और डीजल की कीमतें सबसे कम लेवल पर थी।
इसका मतलब यह भी लगाया जा सकता है कि सरकार की सोच सफल हो गई है। सरकार पैट्रोल-डीजल की महंगाई पर अब जनता की आलोचना या गुस्से की शिकार नहीं हो रही। अब किसी का ध्या नही इस तरफ नहीं जाता। आमतौर पर पैट्रोल-डीजल की कीमतें कभी बढ़ती थीं और कभी घटती थीं लेकिन पिछले छह हफ्तों से लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला बना हुआ है।