बवाना सीट पर मुकाबला हो रहा है दिलचस्प

राजौरी गार्डन उपचुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी इस बार खास एहतियात बरत रही है। इस सीट के समीकरण भी राजौरी गार्डन से अलग हैं। राजौरी गार्डन सीट पर सिख वोटर बहुत ज्यादा थे और बीजेपी उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा का उन पर खास असर था। इसके अलावा पंजाब की हार का भी सीध असर राजौरी गार्डन पर पड़ा था। बवाना की सीट थोड़ी अलग है और इसीलिए आम आदमी पार्टी यहां पूरा जोर लगा रही है। करीब 3 लाख 90 हजार वोटरों में से 2 लाख झुग्गी बस्तियों या अवैध बस्तियों में रहते हैं जहां आम आदमी पार्टी अपना अच्छा रसूख मानती है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के पूर्व एमएलए गुगन सिंह और पूर्व निगम पार्षद नारायण सिंह को भी अपने पक्ष में कर लिया है। हालांकि नगर निगम चुनावों में इस विधानसभा सीट की छह में से आप सिर्फ एक ही जीत पाई थी लेकिन अब गोपाल राय को इस सीट की जिम्मेदारी देकर गंभीरता का अहसास कराया जा रहा है। रविवार को महापंचायत की जा रही है जिसमें अरविंद केजरीवाल खुद हिस्सा ले रहे हैं। वह इसी इलाके में ही चुनाव तक जमे रहना चाहते हैं।

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बीजेपी ने राजौरी गार्डन और नगर निगम चुनाव जीतकर अपनी जीत का जो सिलसिला शुरू किया था, उसे वह बरकरार रखना चाहती है। आप के एमएलए वेद प्रकाश के बीजेपी में शामिल होने के कारण यह चुनाव हो रहा है और इस बार वेदप्रकाश बीजेपी के उम्मीदवार बने हुए हैं। इसलिए वह जीत का दावा भी कर रहे हैं।
कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह तीन बार यहां से एमएलए रह चुके हैं। वह 15 साल के शीला सरकार के काम पर वोट मांग रहे हैं। अगर जनता आम आदमी पार्टी से नाराज ही चलती रही तो यहां मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच भी हो सकता है। राजौरी गार्डन में भी आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त हुई थी और कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी।