चुनावी हार के बाद यादव को जिस टोटके के बाद जबरदस्त सफलता मिली, उसे अब इस्तेमाल करने वाले हैं। दरअसल, पार्टी का इतिहास रहा है कि हार के बाद जब भी आगरा में सपा का अधिवेशन हुआ, तो जबरदस्त सफलता मिली। अब समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन आगरा के तारघर मैदान में होगा।
– इस बार सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए आगरा को इसलिए तरजीह दी गई है कि आगरा हमेशा ही पार्टी के लिए भाग्यशाली साबित हुआ है।
– दरअसल, वर्ष 2003 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन आगरा किया।
– इस अधिवेशन में पार्टी ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले लिए। पार्टी के लिए यह अधिवेशन इतना भाग्यशाली रहा कि पार्टी साल 2003 के विधानसभा चुनाव में यूपी में सरकार बनाने में कामयाब हो गई।
– वर्ष 2007 में सत्ता से बाहर हो जाने के बाद पार्टी को एक बार फिर से आगरा की याद आई। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश की सत्ता हासिल करने के लिए अपने पुराने और सटीक ‘आगरा टोटके’ को आजमाने का निर्णय लिया।
– यही वजह थी कि पार्टी ने वर्ष 2009 में विशेष राष्ट्रीय सम्मेलन और वर्ष 2011 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया। इसके बाद पार्टी जी-जान से यूपी विधानसभा चुनाव में जुट गई। उस वक्त पार्टी ने अपना चेहरा युवा नेता अखिलेश यादव को बनाया।
– समाजवादी पार्टी के नेता दबी जुबान से कहते हैं कि यह ‘आगरा टोटके’ का ही असर था कि समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 में प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली।
– अब फिर से आगरा के तारघर मैदान में 5 अक्टूबर को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी के लिए पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का भी मानना है कि आगरा लकी रहा है।
– इस अधिवेशन में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय रथ को रोकने की रणनीति बनाई जाएगी।
क्या सपा के अपदस्थ राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पुत्रमोह में अब अपने “लक्ष्मण” शिवपाल सिंह यादव से विश्वासघात कर रहे हैं ?
ऐसी कोई आधिकारिक सूचना तो नहीं है, लेकिन हालिया घटनाक्रम इस तरफ इशारा कर रहे हैं।
दरअसल समाजवादी पार्टी (सपा) का राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी चार-पांच अक्टूबर को आगरा में होगा। इस अधिवेशन में सभी की निगाहें इस बात पर लगी है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव इसमें शामिल होंगे या नहीं।
इस अधिवेशन से यह तय हो जाएगा कि सपा के वर्तमान अध्यक्ष अखिलेश यादव का असल विरोधी कौन है, उनके पिता जिन्हें उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाया था, उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव या फिर वे जिन्होंने आगरा सम्मेलन से दूरी बनायी है।
बीते शुक्रवार को अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर उन्हें आगरा में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने का निमंत्रण दिया था। लेकिन सूत्रोंके मुताबिक पार्टी ने इसका निमंत्रण सपा के इटावा से विधायक और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव को नहीं भेजा है। अब सबकी निगाहें इस ओर लगी हैं कि पिछले ढाई दशक से मुलायम के हर सुख-दुख में उनकी छाया बनकर शिवपाल के साथ विश्वासघात कर क्या मुलायम सपा के अधिवेशन में जाएंगे ?
उधर चर्चा यह भी है कि अखिलेश यादव, अपने पिता को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद सौंपने को तैयार हो गए हैं, पर उन्होंने शर्त रखी है कि मुलायम को शिवपाल से नाता तोड़ना पड़ेगा और कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश बनेंगे। अब देखना है कि क्या मुलायम शिवपाल को छोड़ देंगे ?